नाम : रोहू पर इसे रूई या तापरा के नाम से भी जाना जाता है
स्थान : यह एक मुख्य भारतीय कार्प है, जो कि दक्षिण एशिया में पायी जाती है
शारीरिक ढांचा : इसका सिर छोटा, तीखा मुंह और निचला होठ झालर की तरह होता है शरीर का आकार लंबा व गोल होता है और इसका रंग सलेटी (Brown gray) होता है पंखों और सिर को छोड़कर इसका पुरा शरीर स्केल से ढका होता है
आहार : रोहू पानी की मध्य सतह मे रहते हुए फीड खाती है यह आमतौर पर पानी के गले - सडे नदीन व बचे - कुचे पदार्थ आदि खाती है
प्रजनन : मॉनसून के मौसम के दौरान रोहू मछली वर्ष में एक बार अंडे देती है यह मछली अपने शरीर के प्रति किलोभार के अनुसार 2.0-2.50 लाख अंडे देती है
बिकी योग्य बनने के लिए समय : मछली का भार तालाब, पानी की स्थिति, गहराई, फीड की प्रकार आदि जैसे कारकों की संख्या पर निर्भर करता है फरवरी मार्च के महीने मे मछली को पानी मे छोड़ते समय यदि उसका आकार 3-4 इंच है तो दिसंबर महीने तक उनका भार लगभग 1 किलो तक हो जाता है