Trichodinosis/ ट्राइकोडिनोसिस रोग: लक्षण व उपचार:-
लक्षण :- यह बीमारी ट्राइकोडीना नामक परजीवी से होती है जो मछली के गलफड़ों व शरीर की बाहरी सतह पर रहता है। संक्रमित मछली में ढीलापन, भार में कमी तथा मरने वाली स्थिति आ जाती है क्योंकि इस परजीवी की वजह से मछली के म्यूकस ग्लैंड/mucous gland प्रभावित होता है जिससे श्वास लेने में कठिनाई आती है।
उपचार :-
नीचे दिए गए रसायनों के घोल में संक्रमित मछली को 1-2 मिनिट डुबाकर रखा जाता है:
1. 1.5 प्रतिशत सामान्य नमक घोल (1 लीटर पानी में 2 ग्राम)
2. 25 पी.पी.एम. फार्मेलिन (1 लीटर पानी में 25 ग्राम)
3. 10 पी.पी.एम. काँपरसल्फेट/ Copper sulphate / नीला थोथा (1 लीटर पानी में 10 ग्राम)