मछलियों में रोगों के प्रकार :-
मछली के रोगों को चार भागों में बांट सकते हैं-
(1) परजीवी जनित रोग (Parasitic diseases): - परजीवी मछली के अंगों जैसे मछली का मुंह, रक्त नलिका, मछली की चमड़ी,गलफडों, पंखों आदि के रोग ग्रस्त करते हैं। उदाहरण: ट्राइकोडिनोसिस (Trichodinosis), सफेद धब्बेदार रोग,आरगुलौसिस आदि|
(2) जीवाणु जनित रोग (Bacterial diseases):- कुछ हानिकारक बैक्टीरिया मछली को संक्रमित कर देते है जिससे मछली मे ड्राँप्सी,वाइब्रियोसिस,फिन रोट और टेलरोट आदि बैक्टीरियल इनफेक्शन होते हैं|
(3) विषाणु जनित रोग (Viral disease):- अन्य सभी जीवित जीवों की तरह मछली भी कई प्रकार के सूक्ष्म जीवों/ वायरस द्वारा संक्रमित होती है जिसे वायरल रोग कहते हैं इसमें मुख्यता है जैसे सेप्रोलिग्नीयोसिस,ब्रेकियोमाइसिस आदि|
(4) कवक/फंगस जनित रोग (Fungal diseases):- पानी में प्रदूषण अधिक होने पर अमोनिया का प्रभाव बढ़ जाता है तथा पानी में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और यह परिस्थिति कवक/फंगस के बैक्टिरिया के लिए अनुकूल होती है, जिससे ये तेजी से बढ़ते है जिस वजह से प्रारंभ में मछली की त्वचा पर धब्बें के रूप में दिखाई दे होते हैं और कुछ समय में गहरे अलसर का रूप धारण कर लेते है।