1. रासायनिक परिवर्तन अगर पानी का तापमान, पी.एच. (pH), घुलित आँक्सीजन (D.O.), कार्बन डाईआक्साइड (CO2) आदि की असंतुलित मात्रा हो तो वह मछली के लिए घातक होती है।
2. मल्ल्य पदार्थ मछली का मल पानी में जमा हो जाता हैं और मछली के अंगों जैसे गलफड़ों, त्वचा, मुंह के संपर्क में आता हैं तो वह मछली को नुकसान पहुंचाता हैं।
3. विषैली गैस कार्बनिक खाद, उर्वरक या आहार अधिक दिए जाने से विषैली गैसे उत्पन्न होती है जो नुकसानदायक होती है।
4. रोगजनक जीवाणु व विषाणु पानी में बहुत से रोगजनक जीवाणु व विषाणु रहते है और जब कभी मछली किसी प्रतिकूल परिस्थिति की वजह से कमजोर हो जाती है तो उस पर जीवाणु/विषाणु आक्रमण करके रोग ग्रसित कर देते हैं।