Feed/ फीड?

2021-05-15 11:25:56 Read time: 12min

भारत मे मत्स्य उद्योग वर्ष 2020-21 में लगभग Rs 1,232 बिलियन का था और अनुमान लगाया जा रहा है की वर्ष 2021 से 2026 में यह उद्योग 10.5% से बढ़ेगा जो 2026 तक लगभग Rs 2,243 बिलियन के मूल्य दर तक पहुंच जाएगा। मछली पालन क्षेत्र मे वृद्धि मुख्य रूप से फ्रेश वाटर एक्वाकल्चर क्षेत्र से हो रही है, क्योंकि समुद्र मे मछली का बड़े पैमाने पर करना बहुत कठिन हैं। भारत में खपत होने वाले कुल पशु प्रोटीन का लगभग 12.8 प्रतिशत ताजे पानी की मछली से आता है। मत्स्य बीज के विकास के लिए उनको क्या खिलाएं और क्या नहीं।

मछली के तालाबों में तीन प्रकार के भोजन का उपयोग किया जाता है:

1. प्राकृतिक फ़ीड (Natural feed)

2. सप्लीमेंट्री फ़ीड (Supplementary feed)

3. कंप्लीट फ़ीड (Complete feed)

 

1) प्राकृतिक फ़ीड तालाब में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसमें डेट्रिटस, बैक्टीरिया, प्लैंक्टन, कीड़े, घोंघे, और जलीय पौधे शामिल हैं। उनकी अधिकता पानी की गुणवत्ता पर बहुत निर्भर करती है। जैविक खाद जैसे गोबर आपकी मछली को प्राकृतिक भोजन की अच्छी आपूर्ति प्रदान करने में आपकी मदद कर सकता है।

2) सप्लीमेंट्री फ़ीड नियमित रूप से मछली को तालाब में वितरित किया जाता है। वे आमतौर पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सस्ती सामग्री सरसों की खली, चावल, गुड जैसे उत्पादों से मिलकर बनते हैं।

3) कंप्लीट फ़ीड भी नियमित रूप से वितरित किया जाता है। वे मछली के अच्छी तरह से विकसित होने के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों को प्रदान करते है और कंप्लीट फ़ीड कुछ चयनित सामग्री के मिश्रण से बने होते हैं। उन्हें एक ऐसे रूप में बनाया जाता है जो मछली को खाने और पचाने मे आसान लगे। ये फ़ीड आमतौर पर काफी महंगे हैं।


Dustin Warren
Marketing Manager
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