What is Vertical Farming / खड़ी खेती क्या है?

लगातार आबादी बढ़ने के साथ-साथ खेती की भूमि भी कम होती जा रही है, इसलिए बहुत सी जगहों पर वर्टिकल खेती/ खड़ी खेती को अहमियत दी जा रही है। इसकी खास बात ये है कि इसमें रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता, और ये खेती जैविक तरीके से की जा सकती है।

 

वर्टिकल फार्मिंग (खड़ी खेती) एक बहु-सतही (मल्टी लेवल) प्रणाली है। वर्टिकल ढांचे के सबसे निचले हिस्से में पानी से भरा टैंक रख दिया जाता है, और टैंक के ऊपरी स्तरों में पौधों के छोटे-छोटे गमले रखे जाते हैं. पाइप के द्वारा इन गमलों में उचित मात्रा में पानी पहुंचाया जाता है जिसमें पोषक तत्व (Nutrients) मिलते रहे, जो पौधों को जल्दी बढ़ने में मदद करते है।

एलइडी बल्ब के माध्यम से कृत्रिम प्रकाश किया जाता है। वर्टिकल तकनीकी (Vertical technology) से खेती में मिट्टी की जरूरत नहीं होती, बल्कि मिट्टी के बजाय एरोपोनिक (Aeroponic), हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) या एक्वापोनिक से पौधों को उगाया जाता है।

 

वर्टिकल फार्मिंग के निम्नलिखित फायदे हैं:

(1) वर्टिकल फार्मिंग से कम जमीन पर अधिक उत्पादन लिया जा सकता है।

(2) वर्टिकल फार्मिंग में रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल नहीं होता।

(3) कृषि योग्य जमीन नहीं होने पर भी इसे इनडोर के रूप में पौधों को विकसित किया जा सकता है।

(4) वर्टिकल फार्मिंग से आम लोग अपनी छतों पर भी अपने उपयोग लायक सब्जियाँ पैदा कर सकते है।

(5) यह पानी की आवश्यकता को 70% तक कम कर देता है।

 

वर्टिकल फार्मिंग के निम्नलिखित नुकसान है:

(1) वर्टिकल फार्मिंग को लगाने के लिए अधिक पूंजी की जरूरत पड़ती है।

(2) कृत्रिम रोशनी पर ही पौधों की बढ़वार निर्भर होती है जिससे लागत भी अधिक आती है।

(3) अधिक कुशल व्यक्तियों की आवश्यकता होती है क्योंकि पोषक तत्वों की मात्रा, तापमान और पौधों का चयन करना महत्वपूर्ण है।

(4) गर्मी के दिनों में तापमान को नियंत्रित (Temperature control) रखना एक बड़ी चुनोती है।

 

वर्टिकल फार्मिंग के बहुत सारे प्रोजेक्ट चालू हो  गए  है जो पुरानी खेती की तकनीकों को पूर्ण रूप से बदलते जा रहे है।

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